बहुत समय पहले की बात है एक युवक को गांव के एक किसान की पुत्री से प्रेम हो गया।
वह युवती को देखने बार-बार गांव आने लगा। धीरे धीरे बात युवती के पिता तक पहुंच गयी। युवती का पिता बहुत समझदार था।
उसने तक किया की वह पहले इस युवक को परखेगा और उसक बाद तय करेगा कि उसे अपनी पुत्री देनी है या नहीं।
इसलिए उसने युवक से मिलने की इच्छा व्यक्त की। अगले ही दिन वह युवक किसान के घर पंहुचा।
किसान ने उससे पूछा कि मेरी बेटी से प्रेम करते हो? युवक ने हां में जवाब दिया।
उससे शादी करना चाहते हो? युवक ने फिर हां कहा। किसान ने कहा कि तुम्हें परीक्षा देनी होगी।
युवक इसके लिए तैयार हो गया। उसने पूछा के मुझे क्या करना होगा? किसान ने कहा कि मैं एक-एक करके अपने तीन बैल छोडूंगा।
यदि तुमे तीनों में से किसी एक की भी पूंछ पकड़ ली तो तुम परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाओगे, लेकिन अगर तुम ऐसा नहीं कर सके तो तुम्हें वापस जाना होगा।
किसान युवक को अपने खेत पर ले गया। युवक पूंछ पकड़ने के लिए तैयार था। किसान ने पहला बैल छोड़ा।
युवक ने जैसे ही विशाल बैल को देखा, उसकी आँखे फटी की फटी रह र्गइ। उसने सोचा की इसकी पूंछ पकड़ना खतरनाक हो सकता है, इसलिए इसे जाने देना चाहिए और वह दूसरे बैल के आनेकी प्रतीक्षा करने लगा।
जैसे ही दूसरा बैल निकला, वह पहले बैल से ज्यादा खतरनाक था। उसके नुकीले सींग देखकर युवक डर गया और सोचने लगा कि इससे पहले वाला ही सही था।
अवसर हाथ से निकल चुका था। वह तीसरे की प्रतीक्षा करने लगा। तभी तीसरा बैल बाड़े से बाहर निकला। वह एकदम कमजोर था।
उसे देखकर युवक खुश हो गया कि इसकी पूंछ तो वह पकड़ ही लेगा। लेकिन, जैसे ही वह इस बैल की पूंछ पकड़ने के लिए आगे बढ़ा तो पता चला उसकी तो पूंछ ही नहीं है।
अब युवक के पास हाथ मलने के अलावा र्कोइ चारा ही नहीं था। वह मुंह लटकाकर गांव से चला गया और फिर कभी वापस नहीं लाैटा।
हम भी अक्सर इसी तरह अच्छे अवसर की प्रतीक्षा में मिलने वाले उपयोगी क्षणों की और ध्यान नहीं दे पाते है और बाद में पछताते रहते है।
सीख- लोग अच्छे अवसर के इंतजार में जिंदगी बिता देते है और जो माैके हाथ आते हैं उन्हें छोड़ देते है। जिसे वे अच्छा अवसर समझते है, वह वास्तव में अवसर ही नहीं होता है। इस कहानी से यह समझें-
अच्छे अवसर के इंतजार में हमें सामने आए माैके को नहीं छोड़ना चाहिए।
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