इस कहानी से यह समझें-
भगवान बुद्ध अकसर अपने शिष्यों को प्रवचन देते थे।
लोग उनसे कई तरह के सवाल पूछते थे। इनमें से अधिकतर बातें लोगो की समस्याओं से जुड़ी होती थी और वे बुद्ध से इसका समाधान चाहते थे।
बुद्ध उनसे काफी समय तक बात करते थे और इसके बाद ही समाधान बताते थे।
एक दिन शिष्यों ने उनसे पूछा कि गुरूजी आप समस्या लेकर आने वाले लोगों से इतनी लंबी बातें क्यों करते हैं, जबकि आप उन्हें तुरंतभी समाधान बता सकते है।
बुद्ध ने उनसे कहा कि वह जवाब कल देंगे। अगले दिन ज बवह प्रवचन के लिए आए तो उनके हाथ में एक रस्सी थी।
बुद्ध ने किसी से कुछ कहे बिना रस्सी में गांठें लगानी शुरू कर दीं। यह देखकर शिष्यों में उत्सुकता होने लगी की वे अब क्या कहेंगे।
तभी बुद्ध ने एक प्रश्न किया कि ‘मैंने इस रस्सी में तीन गांठें लगा दी हैं, अब मैं यह जानना चाहता हंू कि क्या यह वही रस्सी है, जो गांठें लगाने से पूर्व थी?‘ शिष्य सोच में पड़ गए। एक शिष्य ने कहा कि गुरूजी यह देखने के तरीके पर निर्भर है।
पहली बात यह है कि रस्सी तो वही है, जो पहले थी और दूसरी बात यह है कि अब इसमें तीन गांठें लगी हैं और यह पहले जैसी नहीं है। यानी रस्सी बाहर से भले अलग दिखाई दे रही है, लेकिन अंदर से तो इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।
बुद्ध ने सहमति में सिर हिलाया और कहा कि अब ‘मैं इन गांठों को खोल रहा हंू।‘ ऐसा कहकर वे रस्सी के दोनों सिरे पकड़कर उसे एक दूसरे से दूर खींचने लगे।
एक शिष्य ने कहा कि गुरूजी इस तरह से तो येे गांठें खुलने की जगह और उलझ जाएंगी। इससे इन्हें खोलना भी मुश्किल हो जाएगा।
भगवान बुद्ध ने पूछा कि फिर इन्हें खोलने के लिए क्या करना चाहिए। एक शिष्य ने कहा इसके लिए हमंे सबसे पहले यह पहचानना होगा कि इन गांठों को लगाया किस तरह से गया है।
इसके बाद हम इन्हें खोलने की कोशिश कर सकते है। बुद्ध ने कहा कि मैं यहीं सुनना चाहता था।
उन्होंने कहा कि कोई भी जिस समस्या में फंसे होता है, अगर उसकी वजह ही नहीं पता तो उसका निराकरण भी संभव नहीं है।
मेरे पास आने वाले लोग भी मुझसे सीधे उनकी समस्या का निराकरण चाहंते है।
लेकिन, जब तक मुझे या उनको संबंधित समस्या की वजह ही नहीं पता नहीं होगी तो उसका निराकरण नहीं हो सकता ।
एक बार समस्या की उचित वजह जान लें तो निवारण स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा।
सीखः- अधिकतर लोग अपनी समस्या का सीधे समाधान चाहते है, जबकि किसी भी समस्या का उचित व आसान हल पाने के लिए समस्या की वजह जानना जरूरी है।
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